श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥ भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के
श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥ भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के